आज दिनांक 21 अक्टूबर 2023 को श्री लाल बहादुर शास्त्री इंटर कॉलेज के प्रांगण में पुरातन छात्र आचार्य परिषद का वार्षिक सम्मेलन संपन्न हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता निवर्तमान शिक्षकों में सबसे वरिष्ठ सेवानिवृत शिक्षक श्री नारायण सिंह ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कॉलेज के प्रबंधक श्री जितेंद्र कुमार तिवारी एवं श्री कुशलपाल सिंह प्रधानाचार्य श्री शिवदान सिंह इंटर कॉलेज रहे। बैठक में स्थापना वर्ष 1967 के छात्र श्री सोहन सिंह निवासी सेमनपुर ने अपने संस्मरण साझा किया। पुरातन छात्र श्री मथन सिंह जो वर्तमान में एक महाविद्यालय में प्रोफेसर हैं ने अपने संस्मरणों को साझा किया। सेवानिवृत शिक्षकों में से श्री प्रकाश सृजन ने काव्य पाठ कर अपनी स्मृतियों को ताज किया साथ ही श्री हरचरण उपमन्यु श्री मंगलसेन शर्मा श्री रौनक सिंह श्री नरपति देव शर्मा श्री सुरेश चन्द्र कौशिक जी श्री ज्ञानेंद्र उपाध्याय आदि सेवा निवृत शिक्षकों ने भी अपने कालखंड की स्मृतियां को पुरातन विद्यार्थियों और नए विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के साथ साझा किया। कार्यक्रम में वर्तमान शिक्षकों द्वारा सेवानिवृत शिक्षकों का तथा वर्तमान में अध्यनरत छात्रों द्वारा पुरातन छात्रों का अंगवस्त्रम पहनाकर स्वागत किया गया। विद्यालय के प्रवेश द्वार पर श्रीमती रेखा अग्रहरि के नेतृत्व में छात्राओं ने आगंतुकों का चंदन रोली लगाकर और पुष्प वर्षा कर स्वागत किया तथा श्री महेंद्र सिंह के निर्देशन में स्काउट के छात्रों ने बैंड बजा कर और तालियां बजाकर सभी आगंतुकों का स्वागत किया।
श्रीमान जिला विद्यालय निरीक्षक महोदय जनपद अलीगढ़ श्री सुभाष बाबू ने दिनांक 30 जुलाई 2022 को विद्यालय का निरीक्षण किया । विद्यालय की कक्षाओं में जाकर छात्र एवं छात्राओ से वार्ता की तथा ज्ञान का परीक्षण भी किया तथा निरीक्षण के उपरांत समस्त शिक्षको को गुणवत्ता सुधार हेतु आवश्यक निर्देश दिए। जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देशों के अनुसार शिक्षा की गुणवत्ता सुधार हेतु शिक्षको ने संकल्प लिया, इस अवसर पर उनके साथ पटल प्रभारी श्री भूपेन्द्र कुमार तिवारी भी उपस्थित रहे।
श्रीमान मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक महोदय अलीगढ़ मण्डल अलीगढ़ द्वारा श्री लाल बहादुर शास्त्री इंटर कॉलेज इगलास अलीगढ़ की वार्षिक पत्रिका जय जवान जय किसान का विमोचन किया गया।
श्रीमान जिला विद्यालय निरीक्षक महोदय अलीगढ़ द्वारा श्री लाल बहादुर शास्त्री इंटर कॉलेज इगलास अलीगढ़ की वार्षिक पत्रिका जय जवान जय किसान का विमोचन किया गया।

कोरोना वायरस का खतरा पूरी दुनिया पर हावी है। हजारों लोगों की जीवन लीला यह वायरस निगल चुका है। दुनिया के तमाम मुल्कों के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने/तलाशने मंे लगे हैं लेकिन इससे इतर सोशल मीडिया का कुछ और ही कहना है। सोशल मीडिया की बातों पर विश्वास किया जाय तो कोरोना वायरस का अस्तित्व आज का नहीं पुराना है। सोशल प्लेटफार्म पर चर्चा इस बात की छिड़ी हुई है कि दुनिया कोरोना वायरस की दवा न जाने कहां-कहां ढूढ़ रही है लेकिन कोरोना वायरस की दवा और इलाज तो इण्टरमीडिएट की जन्तु विज्ञान की किताब में काफी पहले सूझा दिया गया था। उक्त पुस्तिका में जिस वैज्ञानिक ने इस बीमारी के बारे में लिखा है। उसने ही इसके इलाज के बारे में भी लिखा है। संभवतः कभी-कभी ऐसा होता है कि डाक्टर और वैज्ञानिक बड़ी-बड़ी किताबों के चक्कर में छोटे लेवल की किताबों पर ध्यान नहीं देते। कोरोना के मामले में भी ऐसा ही होता देखा जा रहा है। हम अपनी बात प्रमाणित करने के लिये आधुनिक जीव विज्ञान की पुस्तिका जिसके लेखक डा. रमेश गुप्ता हैं, के उस पृष्ठ (पेज नंबर 1072) को भी इस खबर के साथ संकलित कर रहे हैं जो कोरोना के कई रहस्य से पर्दा हटा सकती है।
कोरोना
वायरस
‘परिवार’
का
नया
सदस्य
है
कोविड-19

कोरोना वायरस का खतरा पूरी दुनिया पर हावी है। हजारों लोगों की जीवन लीला यह वायरस निगल चुका है। दुनिया के तमाम मुल्कों के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने/तलाशने मंे लगे हैं लेकिन इससे इतर सोशल मीडिया का कुछ और ही कहना है। सोशल मीडिया की बातों पर विश्वास किया जाय तो कोरोना वायरस का अस्तित्व आज का नहीं पुराना है। सोशल प्लेटफार्म पर चर्चा इस बात की छिड़ी हुई है कि दुनिया कोरोना वायरस की दवा न जाने कहां-कहां ढूढ़ रही है लेकिन कोरोना वायरस की दवा और इलाज तो इण्टरमीडिएट की जन्तु विज्ञान की किताब में काफी पहले सूझा दिया गया था। उक्त पुस्तिका में जिस वैज्ञानिक ने इस बीमारी के बारे में लिखा है। उसने ही इसके इलाज के बारे में भी लिखा है। संभवतः कभी-कभी ऐसा होता है कि डाक्टर और वैज्ञानिक बड़ी-बड़ी किताबों के चक्कर में छोटे लेवल की किताबों पर ध्यान नहीं देते। कोरोना के मामले में भी ऐसा ही होता देखा जा रहा है। हम अपनी बात प्रमाणित करने के लिये आधुनिक जीव विज्ञान की पुस्तिका जिसके लेखक डा. रमेश गुप्ता हैं, के उस पृष्ठ (पेज नंबर 1072) को भी इस खबर के साथ संकलित कर रहे हैं जो कोरोना के कई रहस्य से पर्दा हटा सकती है।
पुस्तिका में
बताया गया (हम
इस बात की
पुष्टि नहीं करते
हैं) है कि
साधारण जुकाम अलग-अलग तरह के
वायरस के जरिये
होता है जिसमें
75 फीसद
राइनोवायरस और बाकी में
कोरोना वायरस जिम्मेदार होता
है। यह रोग
मौसम में बदलाव
की वजह से
होता है। इस
रोग का संक्रमण छींकने
से हवा में
मौजूद बिन्दू कणों
द्वारा होता है।
इसके अलावा जब
कोई संक्रमित शख्स
दरवाजों के हैण्डिल, कुण्डियों आदि
को छूता है
तो वायरस कण
वहां पर लग
जाते हैं और
वहां से स्वस्थ
इंसान में संक्रमण हो
जाता है। इस
रोग के उपचार
हेतु एस्पिरिन, एंटी
हिस्टेमीन और नेजल स्प्रे
लाभप्रद है।
यह है सच्चाई -
यह
बात सही है
कि कोरोना वायरस
नई बीमारी नहीं
है लेकिन अभी
जो बीमारी महामारी बनकर
फैल रही है,
वह कोरोना परिवार
के नये वायरस
‘नोवल कोरोना वायरस’
यानि कोविड-19 है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन
(डब्ल्यूएचओ) की आधिकारिक वेबसाइट पर
कोरोना वायरस के
बारे में बताया
गया है कि
कोरोना वायरस, वायरस
का एक बड़ा
परिवार है जो
जानवरों या मनुष्यों को
बीमार कर सकता
है। कई कोरोना
वायरस मनुष्यों में
सामान्य सर्दी से लेकर
गम्भीर बीमारियों जैसे
एमइआरएस और एसएआरएस जैसी
रेस्पीरेटरी इंफेक्शन पैदा कर सकता
है। हाल ही
में खोजे गये
नये कोरोना वायरस
से जो बीमारी
होती है, उसे
कोरोना वायरस डिजीज
कोविड-19 दिया गया
है, इसलिये किताब
में कोरोना वायरस
का जो उपचार
बताया गया है,
उससे अभी के
कोरोना वायरस यानि
कोविड 19 का इलाज
हो पायेगा, यह
कहा नहीं जा
सकता है। बता
दें कि विश्व
स्वास्थ्य संगठन ने अपने
वेबसाइट पर बताया है
कि कोविड 19 के
संक्रमण का अभी तक
कोई उपचार नहीं
है, क्योंकि अब
तक इसकी कोई
वैक्सीन या दवा नहीं
बनी है।